ASEAN: भारत अपनी विदेश नीति के लिए जाना जाता है। इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से आसियान(ASEAN) की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस (Laos) के वियनतियाने पहुंचे। इस यात्रा को लेकर जयशंकर ने आसियान देशों के साथ भारत के जुड़ाव को आगे बढ़ाने के बारे में आशा व्यक्त की, जो एक्ट ईस्ट पॉलिसी की यात्रा में एक मील का पत्थर होगी।
‘एक्स’ पर पोस्ट साझा कर जयशंकर ने कही ये बात
अपने इस दौरे को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा किया। जिसमें उन्होंने कहा, “आसियान-तंत्र बैठकों में भाग लेने के लिए वियनतियाने, लाओस पहुंचे। एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे होने पर हम आसियान के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करने के लिए तत्पर हैं।”
Arrived in Vientiane, Laos to take part in the ASEAN-mechanism meetings.
Look forward to further deepen India’s ties with ASEAN as we mark a decade of Act East Policy. pic.twitter.com/bE1haSqDF9
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 25, 2024
गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जयशंकर 25 से 27 जुलाई तक वियनतियाने, लाओ पीडीआर में रहेंगे, जहां वे आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेंगे।
भारत-आसियान देशों के बीच संबंध मजबूत करने पर जोर
विदेश मंत्री जयशंकर लाओ पीडीआर के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री सलीमक्से कोमासिथ के न्यौते पर लाओ पीडीआर का दौरा कर रहे हैं। यह यात्रा आसियान-केंद्रित क्षेत्रीय वास्तुकला के साथ भारत की गहरी भागीदारी और भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व, आसियान एकता, आसियान की केंद्रीयता, भारत-प्रशांत पर आसियान आउटलुक (एओआईपी) के प्रति हमारी मजबूत प्रतिबद्धता और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को रेखांकित करती है।
भारत आसियान का खास भागीदार- बौआसिसावथ
इस महीने की शुरुआत में लाओस (Laos) की राजधानी वियनतियाने में बात करते हुए लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (एलपीडीआर) के विदेश मंत्रालय में आसियान विभाग के महानिदेशक, चटौलोंग बौआसिसावथ ने कहा कि भारत आसियान का एक खास भागीदार है। भारत और सिंगापुर के बीच वास्तविक समय भुगतान लिंकेज प्रणाली की घोषणा के बाद, भारत ने घोषणा की कि वह इस क्षेत्र के अधिक देशों के लिए इसे चालू करने के लिए मलेशिया और अन्य आसियान देशों के साथ काम कर रहा है।
यह भी पढ़ें: Excise Policy Case: आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को राहत नहीं, कोर्ट ने बढ़ाई न्यायिक हिरासत
एक्ट ईस्ट’ नीति के दशक का जश्न मना रहा भारत
इस वर्ष, भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के एक दशक का जश्न मना रहा है, जिसमें आसियान को नीति का केंद्रीय स्तंभ बनाए रखा गया है। भारत ने आसियान केंद्रीयता, इंडो-पैसिफिक (एओआईपी) पर आसियान आउटलुक और लाओ पीडीआर की आसियान अध्यक्षता की प्राथमिकताओं और उनके विषय “आसियान: कनेक्टिविटी और लचीलापन बढ़ाना” के तहत डिलीवरेबल्स के लिए अपना पूर्ण समर्थन दोहराया है।
पिछले साल सितंबर में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया गए थे। यह भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (एआईएस) के बीच संबंधों को 2022 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने के बाद पहला शिखर सम्मेलन था।