Luna-25 चंद्र मिशन असफल: चंद्रमा में दुर्घटनाग्रस्त होने से रूस निराश
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मॉस्को: लगभग आधी शताब्दी के बाद चांद की सतह पर लौटने का रूस का महत्वाकांक्षी प्रयास निराशा के साथ खत्म हो गया है. लूना -25 अंतरिक्ष यान को एक भयावह विफलता का सामना करना पड़ा और चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शनिवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:57 बजे लूना-25 के साथ संपर्क टूटने की घोषणा करते हुए कहा कि “यह अनियंत्रित रूप से नीचे आया और चांद के सतह से टकरा गया”.
लूना-25 मिशन ने 1976 के बाद रुस का यह चांद की सतह पर पहुंचे का अगला प्रयास था. मानवरहित अंतरिक्ष यान चांद के मायावी दक्षिणी ध्रुव के लिए 11 अगस्त को रवाना हुआ था. आपको बता दें कि तमाम देशों के पहुंचने के बाद भी कोई भी देश दक्षिणी ध्रुव का दीदार नहीं कर पाया है.
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दुर्भाग्य से, मिशन को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिसकी परिणति रविवार को दुखद दुर्घटना में हुई. दुर्घटना से ठीक एक दिन पहले, लूना-25 को एक महत्वपूर्ण प्री-लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा. रोस्कोस्मोस ने बताया कि इस आपातकालीन स्थिति ने अंतरिक्ष यान को आवश्यक मापदंडों के मुताबिक अंजाम देने से रोक दिया, जिससे मिशन की सफलता खतरे में पड़ गई.
हालांकि मिशन को प्रभावित करने वाली तकनीकी समस्याओं की सटीक जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है. रोस्कोस्मोस ने घोषणा की है कि दुर्घटना के कारणों की गहन जांच के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया जाएगा….लूना-25 की विफलता रूसी अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण झटका है, जिसने एक सफल चंद्र लैंडिंग और उसके बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की संरचना का अध्ययन करने के लिए एक साल के मिशन की आशा की थी. विशेष रूप से, वैज्ञानिकों ने पहले इस अज्ञात चंद्र क्षेत्र में जमे हुए पानी के निशान का पता लगाया था, जिससे भविष्य में संभावित चंद्र संसाधन अन्वेषण की उम्मीदें बढ़ गई थी.
लूना-25 दुर्घटना भी अंतरिक्ष अन्वेषण के एक महत्वपूर्ण समय के साथ मेल खाती है. लूना-25 की योजनाबद्ध लैंडिंग के ठीक दो दिन बाद चंद्रमा पर उतरने वाले भारत के चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को अब बढ़ी हुई उम्मीदों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि दुनिया यह देखना चाहती है कि क्या वह वहां सफल हो सकता है जहां रूस लड़खड़ा गया है.