Moidams: असम के मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे विश्व धरोहर समिति ने 46वें सत्र के दौरान लिया है। गौरतलब है कि मोइदम्स (Moidams) अहोम राजवंश(Ahom religious) की टीले वाली दफन प्रणाली है।
कैसे शामिल होते हैं यूनेस्को की सूची में
यूनेस्को विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage) सूची में शामिल किए जाने के लिए 27 स्थलों के प्रस्तावों, विश्व धरोहर सूची में पहले से शामिल 124 स्थलों के संरक्षण की स्थिति और खतरे में विश्व धरोहरों की सूची की जांच करेगा। विश्व धरोहर समिति विश्व की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कन्वेंशन को नियंत्रित करने वाली दो संस्थाओं में से एक है। यह कन्वेंशन के 195 राज्यों के दलों से चुने गए 21 राज्यों के प्रतिनिधियों से बनी है।
असम के लिए यह एक बड़ी जीत है- सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि मोइदम्स सांस्कृतिक संपत्ति श्रेणी के तहत यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हो गए हैं। असम के लिए यह एक बड़ी जीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi), यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के सदस्यों और असम के लोगों का धन्यवाद। ‘मोइदम्स’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था।
THIS IS HUGE 🤩
The Moidams make it to the #UNESCO World Heritage list under the category Cultural Property – a great win for Assam
Thank You Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji , Members of the @UNESCO World Heritage Committee and to the people of Assam 🙏
1/3 pic.twitter.com/ALia92ZGUq
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2024
सोशल मीडिया पोस्ट साझा करते हुए सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा(Himmant Biswa Sharma) ने कहा कि चराइदेव के मोइदम्स असम के ताई-अहोम समुदाय की गहरी आध्यात्मिक आस्था, समृद्ध सभ्यतागत विरासत और स्थापत्य कला का प्रतीक हैं। यह पहली बार है जब उत्तर पूर्व से किसी स्थल ने सांस्कृतिक श्रेणी के तहत यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह बनाई है। काजीरंगा(Kaziranga) और मानस राष्ट्रीय उद्यानों(Manas National Parks) के बाद, यह असम का तीसरा विश्व धरोहर स्थल है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप आएं और अद्भुत असम का अनुभव करें।” मोइदम अहोम राजाओं, रानियों और रईसों के दफन टीले हैं।
क्या है मोइदम्स?
मोइदम्स शब्द ताई शब्द फ्रांग-माई-डैम या माई-टैम से लिया गया है। फ्रांग-माई का अर्थ है कब्र में डालना या दफनाना तथा डैम का अर्थ है मृतक की आत्मा। यद्यपि मोइदाम ऊपरी असम के सभी जिलों में पाए जाते हैं, अहोम की पहली राजधानी चराईदेव लगभग सभी अहोम राजघरानों का कब्रिस्तान था। चराईदेव शिवसागर से 28 किमी पूर्व में स्थित है। अहोम के पहले राजा चौ-लुंग सिउ-का-फा(Chau-lung Siu-ka-pha) को उनकी मृत्यु के बाद चराईदेव में दफनाया गया था, जिसमें सभी ताई-अहोम धार्मिक संस्कार और अनुष्ठान किए गए थे।
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