सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी है। अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए गौतम को पिछले साल नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी। वह वर्तमान में नवी मुंबई में रह रहे हैं।
हम रोक को आगे नहीं बढ़ाने के इच्छुक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में गौतम नवलखा को दी गई जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश द्वारा लगाई गई रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। साथ ही नवलखा को नजरबंदी में सुरक्षा के खर्च के लिए 20 लाख रूपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हम रोक को आगे नहीं बढ़ाने के इच्छुक हैं क्योंकि हाईकोर्ट का आदेश जमानत देने में विस्तृत है। मुकदमे को पूरा होने में कई साल लगेंगे। विवादों में किसी भी तरह का विस्तार किए बिना, हम रोक को आगे नहीं बढ़ाएंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि नवलखा चार साल से ज्यादा समय से जेल में हैं और मामले में अभी तक आरोप तय नहीं किए गए हैं। यदि आप सुपरक्लोन के लिए बाज़ार में हैं Replica Rolex , सुपर क्लोन रोलेक्स जाने लायक जगह है! नकली रोलेक्स घड़ियों का ऑनलाइन सबसे बड़ा संग्रह!
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को गौतम नवलखा को जमानत दे दी थी, लेकिन एनआईए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के लिए समय मांगने के बाद अपने आदेश पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी। अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए गौतम नवलखा को पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी।
क्या है मामला
यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि अगले दिन पश्चिमी महाराष्ट्र शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी। मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से पांच फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।