Rajya Sabha Budget 2024: मोदी 3.O सरकार का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया। जिसमें बिहार, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के लिए बड़ी योजनाओं की सौगात दी है। वहीं विपक्षी इस बजट को लेकर खासा आक्रामक दिखाई दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट को कुर्सी बचाओ बजट करार दिया है। बुधवार को केंद्रीय बजट को लेकर राज्यसभा में चर्चा हुई। इस दौरान विपक्षी के अलग ही तेवर दिखाई दिए। केंद्रीय बजट के विरोध में विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया, जिसको लेकर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ खासा नाराज़ दिखाई दिए।
इस रवैये से लोकतंत्र को गंभीर खतरा- धनखड़
केंद्रीय बजट के विरोध विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से वॉक आउट करने के बाद सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अगर संसदीय कार्यवाही में व्यवधान को “राजनीतिक रणनीति” के रूप में हथियार बनाया जाता है, तो लोकतंत्र को “गंभीर खतरा” होगा। माननीय सदस्यों, मैं आपसे दृढ़ता से निवेदन करता हूं। अगर व्यवधान और गड़बड़ी को राजनीतिक रणनीति के रूप में हथियार बनाया जाता है, जैसा कि अब किया गया है, तो लोकतंत्र को गंभीर खतरा होगा।
मैं विपक्ष को बोलने का पूरा मौका दिया- धनखड़
अपने संबोधन में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हालांकि उन्होंने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन में बोलने की अनुमति दी, लेकिन उन्होंने पाया कि विपक्षी सांसदों द्वारा इसका इस्तेमाल “चाल” और “रणनीति” के रूप में किया गया। “माननीय सदस्यों, आज बजट पर चर्चा सूचीबद्ध थी और मैंने विपक्ष के नेता को यह उम्मीद करते हुए बोलने का मौका दिया कि नियमों का पालन किया जाएगा। मुझे लगता है कि इसका इस्तेमाल एक चाल और रणनीति के रूप में किया गया है। वॉकआउट के बाद, सभापति ने कहा कि वे विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अपनाई गई “अस्वस्थ प्रथा” पर गंभीर आपत्ति जताएंगे।
यहां देखें वीडियो….कैसे विपक्ष के राज्यसभा में बजट के विरोध में हंगाम करते हुए वॉकआउट किया।
‘केवल असाधारण परिस्थितियों में अनुमति दी जा सकती है’
राज्यसभा में सांसदों द्वारा नियम 267 के तहत दिए गए कामकाज के निलंबन के नोटिस पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा, “मैं दोहराता हूं कि राजनीतिक दलों के नेताओं को इस मुद्दे पर फैसला लेने की जरूरत है, क्योंकि यह सदन की हर बैठक में एक नियमित दैनिक मामला बनता जा रहा है। मैंने पहले ही संकेत दिया था कि पिछले 36 वर्षों में, इस तंत्र को केवल छह मौकों पर ही अनुमति दी गई है। राज्यसभा के सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत कामकाज के निलंबन को “असाधारण परिस्थितियों” में अनुमति दी गई है और इसलिए उन्होंने नोटिस स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। केवल असाधारण परिस्थितियों में ही इसकी अनुमति दी जा सकती है।
#WATCH | On walkout by Opposition MPs from Rajya Sabha against Union Budget, House Chairman Jagdeep Dhankhar said, “Hon’ble Members, discussion on the Budget was listed today and I gave the floor to the Leader of the Opposition in expectation that rules will be followed. I find… pic.twitter.com/iRdNd9oaOT
— ANI (@ANI) July 24, 2024