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Constitution Day: PM मोदी ने संविधान दिवस पर दी बधाई, आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख का दोहराया संकल्प

Constitution Day

Narendra Modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस (Constitution Day) के समारोह में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने संविधान के 75 वर्षों के गौरव को रेखांकित करते हुए कहा कि यह हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है। पीएम ने मुंबई हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।

संविधान: चुनौतियों से मुकाबले का मार्गदर्शक
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 75 वर्षों में संविधान ने हर चुनौती का समाधान प्रस्तुत किया। आपातकाल का सामना हो या जम्मू-कश्मीर में संविधान का पूर्ण रूप से लागू होना, बाबा साहब आंबेडकर के विचारों ने देश को सही दिशा दी। इस बार पहली बार जम्मू-कश्मीर में भी संविधान दिवस मनाया गया।

विकास की दिशा में मजबूत कदम
पीएम मोदी ने बताया कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में केवल तीन करोड़ घरों में नल का पानी पहुंचा था। लेकिन सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत इस संख्या को तेजी से बढ़ाया। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 53 करोड़ से अधिक भारतीयों के बैंक खाते खुले और 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए।


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डिजिटल इंडिया और नई सुविधाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जैसी सुविधाओं ने उनकी जिंदगी आसान बनाई है। उन्होंने देश के 100 जिलों में विकास की गति को तेज करने, सबको बिजली कनेक्शन देने और दूरदराज के इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।

संविधान के आदर्शों पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की मूल प्रति में भगवान राम और माता सीता के चित्र भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं। ये चित्र हमें मानवीय मूल्यों की याद दिलाते हैं और भारत की नीतियों का आधार बनते हैं। उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के उस संदेश का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने ईमानदार नेतृत्व और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की बात कही थी।

सीजेआई का विचार
इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि न्यायपालिका का सबसे बड़ा कर्तव्य जनता के प्रति पारदर्शी और जवाबदेह रहना है। उन्होंने संविधान को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि इसके कारण न्यायालयों को अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिलता है। संविधान दिवस का यह आयोजन न केवल देश की प्रगति का प्रतिबिंब है, बल्कि यह उस संकल्प को दोहराता है जो संविधान ने हमें दिया है।


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